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रणबीरसिंह की न्यायिक हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों मौत की उच्चस्तरीय जांच तथा मृतक के परिवार के लिऐ भरण पोषण हेतु समुचित मुआवजा दे सरकार,

माननीय मुख्यमंत्री जी , उत्तराखंड सरकार,

देहरादून विषय : रणबीरसिंह की न्यायिक हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों मौत की उच्चस्तरीय जांच तथा मृतक के परिवार के लिऐ भरण पोषण हेतु समुचित मुआवजा देने के सन्दर्भ में । मान्यवर,

मृतक रणबीरसिंह एवं उसके परिजनों को न्याय देने के लिए राज्य सचिवालय पर आयोजित इस संयुक्त प्रदर्शन के माध्यम से उत्तराखण्ड में बिगड़ती कानून व्यवस्था के प्रति गहरी चिन्ता व्यक्त करते हैं।

मान्यवर गत 22 जून 024 को कोतवाली ऋषिकेश में पुलिसकर्मियों द्वारा रणवीर सिंह की अभिरक्षा में बुरी तरह से मारपीट गम्भीर रूप से घायल घनसाली टिहरी का रहने वाला रणबीर सिंह की पिछले 25 जून 024 को सुद्धोवाला जिला कारागार में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हुई। काफी छानबीन के बाद पता चला है कि रणबीरसिंह को ढालवाला टिहरी से फर्जी कैश में पकड़ कर फर्जी मेडिकल रिपोर्ट के आधार न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार भेजा गया जहाँ उसकी 25 जुलाई 024 को संदिग्ध परिस्थितियों में मत्यु हो गयी ।

मान्यवर फर्जी पोस्टमार्टम चिकित्सा प्रमाण पत्र तथा झूठी पुलिस रिपोर्ट तैयार कर रणबीर सिंह कि न्यायिक अभिरक्षा में मृत्यु को सामान्य घटना दिखाकर आरोपी ऋषिकेश पुलिस जिला कारागार का बरिष्ठ अधीक्षक न्यायिक जांच के माध्यम से रफा दफा करने के फिराक में हैं। मान्यवर इससे पहले विभिन्न राजनैतिक दलों तथा सामाजिक संगठनों की ओर से ऋषिकेश थाना

कोतवाली में 22 जून 024 को गिरफ्तार रणबीरसिंह पुत्र स्व सरोपसिंह ग्राम मन्धार तहसील घनसाली की देहरादून जिला कारागार में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच तथा पीड़ित के परिजनों को भरण पोषण हेतु समुचित मुआवजा दिलवाने का अनुरोध जिलाधिकारी महोदय देहरादून तथा जिलाधिकारी महोदय देहरादून के माध्यम से आपको कर चुके हैं। दिनांक 22 जून 024 लगभग सांय 5:30 कोतवाली ऋषिकेश देहरादून पुलिस रणबीर सिंह के ढालवाला जनपद टिहरी गढ़‌वाल किराये के मकान पर आये तथा भही भद्दी गालियां देकर उसे घसीट कर ले गये तथा कहा कि इसको हम ठीक करेंगे, पत्नी व परिजनों के बार बार गुजारिश करने के बावजूद वे अनर्गल शब्दों तथा गाली गलोज देते रहे । आस पास पुलिस चौकियों में तलाश करने के बाद अगले दिन लगभग यानि 23 जून 024 लगभग 2 बजे रणबीरसिंह की पत्नी श्रीमती रीतादेवी कोतवाली ऋषिकेश गई तो तब तक उसके पति की पुलिस अभिरक्षा में बुरी तरह पिटाई हो चुकी थी, पुलिस ने रणबीरसिंह के खिलाफ झूठा केस दर्ज कर ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय के चिकित्सकों से फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाई जिसके आधार पर एसजेएम ऋषिकेश कोर्ट ने रणबीरसिंह को जिला कारागार,

देहरादून भेजा । मान्यवर, 25 जून 024 दिन में मृतका की पत्नी जब अपने पति को मिलने जिला कारागार गई तो उसके पति कि हालात नाजुक थी तथा चल फिर नहीं पा रहा था तथा शरीर पर असहनीय दर्द बता रहा था तथा कह रहा था उसे जेल में नींद आदि की गोलियां दि जा रही है उसने अपनी पत्नी कोकहा कि उसकी जान खतरे में है। कुछ घण्टे बाद सांय जेल प्रशासन ने रणबीरसिंह की मृत्यु कि सूचना उसकी पत्नी को दी।

मान्यवर हकीकत यह है कि पुलिस एवं जिला प्रशासन के अमानवीय कृत्यों के परिणामस्वरूप रणबीरसिंह की मृत्यु जिला कारागार देहरादून में ही हो चुकी थी दून अस्पताल लाना एक औपचारिकता थी ।

मान्यवर, जेल प्रशासन एवं पुलिस दो दिन बाद रात्रि को कोरनेशन अस्पताल देहरादून में पोस्टमार्टम कर इसे सामान्य मृत्यु घोषित करने के लिऐ डाक्टरों के साथ मिलकर फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार कर पुलिस एवं जेल प्रशासन द्वारा अपने को बचाने के लिऐ कुत्सित प्रयास किया गया किन्तु रणबीरसिंह को पहुंचे गहरे जख्म साफ साफ कह रहे थे कि दाल में कुछ काला है। संदिग्ध परिस्थितियों में मृतक की जांच के लिऐ मृतक रणबीर सिंह की पत्नी श्रीमती रीता देवी ने जिलाधिकारी महोदय तथा बरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई।

मान्यवर इस बीच सामाजिक एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी से भेंटकर उन्हें यथास्थिति से अवगत कराया परिणामस्वरूप पुलिस के हाथ पांव फूल गये उसके आला अधिकारियों ने तब जाकर रणबीरसिंह की पोस्टमार्टम तथा मेडिकल रिपोर्ट परिजनों को उपलब्ध करायी जिससे पूरे षड़यंत्र तथा आपसी मिलीभगत का खुलासा हुआ तथा संगठित अपराध का पर्दाफाश हुआ किस हद तक तथाकथित जिम्मेदार लोग बर्दी तथा अपने ओहदों का दुरुपयोग कर सकते हैं पता चला है कि इस प्रकरण में कोतवाली ने दो पुलिसकर्मियों निलम्बित कर पुलिस ने अपने घृणित अपराध में पर्दा डालने की कोशिश की ।

मान्यवर पोस्टमार्टम पुलिस रिपोर्ट मेडिकल रिपोर्ट तथा जेल अधीक्षक अपनी अपनी रिपोर्ट में

एक सुर बोल रहे हैं कि उसे पुरानी बीमारी थी, वह दारुबाज या अभियुक्त के रूप में रणबीरसिंह की प्रथम मेडिकल रिपोर्ट माननीय स्पेशल जुडिशियल मजिस्ट्रेट ऋषिकेश ने भी देखि ऐसा लगता रणबीरसिंह की नाजुक हालात का एहसास नहीं कर पाये परिणामस्वरूप इतनी अमानवीय घटना हुई । वक्ताओं ने कहा है कि रणबीरसिंह कि अवैध गिरफ्तारी से मौत तक तथा उसके बाद जो फर्जी मेडिकल पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर रणबीरसिंह के साथ हुऐ जधन्य कृत ने साबित कर दिया किस तरह कानून के रखवालों ने कानून के साथ खिलवाड़ कर रणबीरसिंह की हत्या को हादसे में बदल दिया । मान्यवर, रणबीरसिंह कि अन्तेष्टि के लिए शव परिजनों चन्द्रभागा पुल पर कोतवाली ऋषिकेश

ने यह कर सौंपा कि यहीं तक उनका कार्यक्षेत्र है जबकि इससे तीन दिन इसी कोतवाली कि पुलिस बिना अनुमति के दूसरे जिले में जाकर रणबीरसिंह को गिरफ्तार करती है, ऋषिकेश पुलिस कर्मियों अमानवीयता को दर्शाने के लिऐ प्रर्याप्त है। यही नहीं जिलाधिकारी महोदया के हस्तक्षेप के बाद कोतवाली पुलिस तथा पुलिस आला अधिकारियों द्वारा रणबीरसिंह के परिजनों को दस्तावेज उपलब्ध कराये जिससे तमाम कुचों का खुलासा हुआ ।

मान्यवर, देहरादून में कुछ साल पहले हुऐ फर्जी रणबीर इनकाऊन्टर के बाद जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों के अनेक कृत्यों के बाद रणबीरसिंह के साथ ऋषिकेश पुलिस अभिरक्षा से लेकर सुद्धोवाला-3-

जेल में जो कुछ हुआ वह मानवता को शर्मशार करने वाली जघन्यतम घटना है जिसमें मानवाधिकारों का खुलेआम उलंघन हुआ है। ताकत एवं पैसे के बल पर सब कुछ खरीदा गया है। अतः न्यायहित में आपसे तत्काल निम्नलिखित अनुरोध करते है:-

(1) रणबीरसिंह की अभिरक्षा में हुई संदिग्ध मृत्यु कि हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायधीश से जांच करवाई जाय ।

(2) सम्भव हो सके तो इस संदिग्ध मृत्यु कि जांच स सिबिआई से करवाई जाये ।

(3) जांच के दायरे में कोतवाली ऋषिकेश पुलिस क्षेत्राधिकारी पुलिस ऋषिकेश चिकित्साधिकारी राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश बरिष्ठ जेल अधीक्षक जिला कारागार एवं उसे जुड़े स्टाफ दून अस्पताल के चिकित्सक तथा पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों तथा ऋषिकेश एजेएम कोर्ट प्रक्रिया को शामिल किया जाये।

(4) मामले से जुड़े सभी के खिलाफ निलम्बन तथा स्थान्तरण कि कार्यवाही सुनिश्चित की जाये ।

(5) मृतक के परिजनों की जानमाल की सुरक्षा की जाये ।

(6) रणबीरसिंह कि विधवा तथा तीन बच्चों के भरण पोषण के लिऐ सरकार समुचित दे ।

आशा है की आप उपरोक्त बिन्दुओ पर त्वरित कार्यवाही कर पीडित परिवार के साथ न्याय करेंगे ।

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