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बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि अब उत्तराखंड की चेतना जाग चुकी है। जब सत्ता और विपक्ष दोनों मौन हो जाएं, तब तीसरे विकल्प की आहट पहाड़ों से गूंजती है। उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा वही गूंज है —

उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा का संगठन विस्तार – सेलाकुई में जन-जन को जोड़ने का संकल्प

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सहसपुर, चकराता एवं विकासनगर विधानसभा क्षेत्रों की संगठन विस्तार को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक सेलाकुई में आयोजित की गई। बैठक के आयोजक श्री निरंजन चौहान रहे जिन्हें सहसपुर, चकराता एवं विकासनगर विधानसभा के लिए सर्वसम्मति से जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी दी गई है।

नव नियुक्त अध्यक्ष ने इन क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं को संगठित कर मोर्चे की नीतियों और भावी योजनाओं से अवगत कराया।

इस मौके पर पूर्व खंड विकास अधिकारी भगवती प्रसाद जुयाल के साथ साथ विभिन्न क्षेत्र से आए हुए लगभग 240 महिलाओं एवं 380 लोगों ने स्वाभिमान मोर्चे पर विश्वाश करते हुए उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा की सदस्यता ली।

बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि अब उत्तराखंड की चेतना जाग चुकी है। जब सत्ता और विपक्ष दोनों मौन हो जाएं, तब तीसरे विकल्प की आहट पहाड़ों से गूंजती है। उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा वही गूंज है — जो न रुकने वाली है, न झुकने वाली। उन्होंने आगे कहा कि अगर हम अपने हकों के लिए चुप रहे, तो आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ़ नहीं करेंगी। अब वक्त आ गया है कि उत्तराखंड के स्वाभिमान की बात हर चूल्हे से, हर चौपाल तक पहुंचे।

सैनिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कर्नल कैलाश देवरानी ने सैनिकों की अनुशासित ऊर्जा जब जन-आंदोलन में तब्दील होती है, तो परिवर्तन की नींव बनती है। यह मोर्चा अब युद्ध नहीं, बल्कि उत्तराखंड को उसका असली स्वाभिमान लौटाने का एक संकल्प है।

मोर्चे के महासचिव मोहित डिमरी ने दो टूक शब्दों में बताया कि उत्तराखंड की जनता अब तीसरे विकल्प की ओर देख रही है। उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा कोई राजनीतिक प्रयोग नहीं, यह पहाड़ के धैर्य का विस्फोट है। गांव-गांव से उठती यह चेतना एक नई व्यवस्था की मांग कर रही है। 25 साल में उत्तराखंड का कोई भी सपना पूरा नहीं हुआ ओर सरकार “3 साल बेमिसाल” का राग अलाप रही है।

भारत सरकार द्वारा सेना का राजनीतीकरण करने पर मोहित डिमरी ने सख्त नाराजगी प्रकट की और घर घर सिंदूर बांटने का विरोध किया।

प्रवक्ता प्रमोद काला ने तीखा हमला करते हुए कहा कि जब अंबिका चौहान जैसी युवा बेटियां स्वाभिमान की मशाल उठाती हैं, तो समझ लो अब क्रांति की चिंगारी सिर्फ धधकने नहीं वाली,

बल्कि पूरे पहाड़ को रोशन करने वाली है।

कलाकार कशिश थापा ने गढ़वाली एवं कुमाऊनी गीत पर नृत्य के माध्यम से उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा को सांस्कृतिक समर्थन देकर भावनाओं को नई ऊंचाई दी।

मंच का संचालन वरिष्ठ सदस्य प्रकाश थपलियाल ने किया। बैठक में सहसपुर, विकासनगर एवं चकराता विधानसभा क्षेत्रों की जनता के साथ साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं, महिलाओं ने भाग लिया और संगठन को गांव-गांव तक ले जाने का संकल्प लिया।

बैठक में निर्णय लिया गया कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में 30 मई को आने वाले फैसले पर जनता की निगाहें टिकी हैं, मोर्चा ने स्पष्ट किया कि यदि निर्णय जनहित में नहीं आया, तो जनांदोलन का शंखनाद होगा। युवाओं को नेतृत्व में शामिल करना, महिला शक्ति को संगठन में अग्रिम भूमिका देने, सैनिक संगठन की पुनर्संरचना और लामबंदी जैसे मुद्दों पर भी मोर्चे ने एकजुटता दिखाई।

बैठक में प्रमुख रूप से प्रदेश अध्यक्ष बॉबी पंवार महासचिव मोहित डिमरी सैनिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष कर्नल कैलाश देवरानी, सबसे कम उम्र की पार्षद अंबिका चौहान के अलावा प्रमोद काला, प्रकाश थपलियाल, मनोज कोठियाल, आशुतोष कोठारी, राजेंद्र भट्ट, यशपाल रावत, अतर सिंह चौहान, शोभित सजवान, गोरखा समाज के प्रमुख संजय थापा, पार्षद पंकज थापा, पार्षद दीपक कंडारी समेत अनेक जागरूक कार्यकर्ता बैठक में शामिल हुए।

ज्ञात हो कि उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने अपने संगठन के विस्तार की प्रक्रिया को तेज करते हुए कुछ दिन पहले पूर्वी देहरादून (डोईवाला एवं ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र) के लिए श्री शीशपाल पोखरियाल को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है।

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