इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया,सहारनपुर की रहने वाली नाजिया बनी निशा देहरादून में अश्वनी के संग हिंदू रीति रिवाज से की शादी,

उत्तराखंड भगवा ट्रैप की शिकार लड़कियों पर आख़िर शासन प्रशासन मौन क्यों?
क्यों आख़िर विशेष वर्ग की कम उम्र की लड़कियों को भगवा ट्रैप की मिशनरी के तहत फँसाया जा रहा है??
प्रदेश में सख़्त धर्मांतरण क़ानून लागू है लेकिन इस क़ानून का सिर्फ़ एक ही वर्ग पर असर क्यों है? आख़िर ऐसा दोहरा रवैया क्यों?
कई सवाल है जिनका जवाब नहीं मिलता?
आख़िर इन सवालों पर किसकी जवाबदेही होगी?
ये बताने के लिए आप दर्शकों पर छोड़ देते है!
पहले तो जानने की कोशिश करते है कि आख़िर ये धर्मांतरण है क्या?
हम बहुत वर्षों से सुनते आ रहे है कि ईसाइयों ने धर्म परिवर्तन का मिशन चला रखा है, सनातनियों ने धर्म परिवर्तन का मिशन चला रखा है, मुसलमानों ने धर्म परिवर्तन का मिशन चला रखा है या अन्य धर्म में भी धर्म परिवर्तन की बात सुनने में आती रहती है।
जब पता लगाने की कोशिश की गई तो ये मालूम पड़ा कि जिस भी धर्म में कोई भी जाति या समुदाय के लोग आर्थिक रूप से कमजोर होते है वो पैसों के लालच में और अपनी आर्थिकी को मजबूत करने के लिए इस तरह के धर्म परिवर्तन के जाल में आसानी से फँस जाते है। ये सभी धर्म में ऐसा हो सकता है क्यूंकि कमजोर वर्ग हर धर्म में है और वो किसी के भी बहकावे में आसानी से आ जाते है। यहाँ तक तो धर्म परिवर्तन का मतलब समझ में आया।
लेकिन अब एक अलग तरह का मिशन चल रहा है जिसको भगवा ट्रैप भी कहा जाता है जिसमे एक विशेष वर्ग की कम उम्र की नासमझ लड़कियों को प्यार मोहब्बत और अन्य लुभावनी बातों से उनको आकर्षित किया जाता है और फिर उनको अपनी गिरफ्त में पूरी तरह से लेकर उनका माइंड वाश करके अपने जाल में फँसा कर आर्यसमाज मंदिर में ले जाकर शादी की जाती है। जहाँ पहले से ही कुछ तथाकथित बहरूपीय रूपी धर्म के ठेकेदार बने पुजारी या भगवा मिशन के संरक्षक उनको पूरी सिक्योरटी का हवाला देकर शादी कराते है। कुछ समय बाद उस मासूम नासमझ लड़की के साथ वह सब किया जाता है जो वो कर सकते है। कुछ समय बाद उसका शोषण करके उसको बेकार अवस्था में छोड़ दिया जाता है ताकि वो किसी लायक ना रहे। ऐसा करना ही भगवा ट्रैप मिशन का उद्देश्य है।
लेकिन सवाल ये है कि इस तरह के हथकंडे को अंजाम देने का बढ़ावा किसके इशारे पर होता है।
जहाँ एक तरफ़ प्रदेश में सख़्त धर्मांतरण क़ानून लागू है लेकिन ऐसा लगता है कि मानो ये क़ानून सिर्फ़ एक दिखाने के लिए या एक विशेष वर्ग पर लागू होता है। भगवा ट्रैप मिशनरों पर इस क़ानून का कोई असर नहीं होता है।
बात करे अगर अन्य अल्पसंख्यक वर्ग के समाज बारे में या खासतौर से विशेष वर्ग के लोगों के द्वारा यदि इस तरह की कोई घटना धर्मांतरण के रूप में सामने आ जाती है तो सारा तंत्र मंत्र ऐक्टिव हो जाता है और तमाम सारे भगवा दल सड़कों पर उतर आते है और पुलिस के सामने ही तरह तरह की धमकियाँ और ना जाने क्या क्या उत्पाद मचाया जाता है।
और विशेष वर्ग के लोगो के घरों प्रतिष्ठानों पर तोड़फोड़ की जाती है और फिर सख्त से सख़्त प्रभावी कार्रवाई पुलिस प्रशासन द्वारा भी अमल में लाई जाती है।
लेकिन जब भगवा ट्रैप मिशन के तहत किसी विशेष वर्ग की मासूम बच्चियों को फँसा कर आर्यसमाज जैसे मंदिरों में शादी करायी जाती है और उनको धर्मांतरण का सर्टिफिकेट दिया जाता है तो फिर ये क़ानून और ये प्रशासन मौन क्यों हो जाता है।
आख़िर ये पक्षपात और दोहरा रवैया क्यों अपनाया जाता है। ये सबसे बड़ा सवाल है।
आइये बात करते है अभी अभी ताज़ा मामला सामने आया है जो कि उत्तराखंड के भगवानपुर की रहने वाली नाज़िया नाम की लड़की जो भगवा ट्रैप मिशन के तहत अश्वनी नाम के ग़ैर मुस्लिम लड़के का शिकार हुई और तो और नई दिल्ली के आर्यसमाज मंदिर में शादी भी करवा दी गई है और धर्मांतरण का सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया है। अब बताए क्या ये सही है। माना लड़की को खूब प्रलोभन दिया गया होगा लेकिन क्या किसी प्रशासनिक संस्था से लड़की की काउंसलिंग करायी गई होगी या लड़की के मानसिक रूप से कमजोर या बीमार होने का पता लगाया गया होगा? तमाम तरह की बातें है जो शायद किसी ने नहीं पता लगाने की कोशिश की गई होगी।
ऐसा लगता है बस भगवा ट्रैप मिशनरों को सब छूट है कोई पूछने वाला नहीं कोई कहने सुनने वाला नहीं है, ऐसा लगता है मानो उन पर कोई कानून लागू होता ही नहीं।
देश में संविधान का राज है कानून सबके लिए समान है और देश के हर वर्ग को उम्मीद है कानून के रखवाले कानून की रक्षा करेंगे और जो कानून के खिलाफ जाएगा उस पर लगाम कसी जाएगी।
प्रदेश में सख्त धर्मांतरण कानून का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए और प्रदेश के मुख्यमंत्री धाकड धामी जी सख्त कानून का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई का आदेश करेंगे।
और मासूम, नासमझ और कमउम्र की लड़कियों को बहला फुसलाकर और उनका माइंड वाश करके उनको जबरन धर्मांतरण करवाने वाले तथाकथित भगवा गैंग को संरक्षण देने वाले सभी लोगों को सख्त सजा दिलायेंगे।