आज की बड़ी खबर डिजिटल मीडिया के क्षेत्र से आ रही है, जहां सोशल मीडिया में कार्यरत स्वतंत्र पत्रकारों ने एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में पत्रकारों ने सरकार द्वारा डिजिटल मीडिया के लिए लाई जा रही नई नीति की सराहना की।

आज की बड़ी खबर डिजिटल मीडिया के क्षेत्र से आ रही है, जहां सोशल मीडिया में कार्यरत स्वतंत्र पत्रकारों ने एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में पत्रकारों ने सरकार द्वारा डिजिटल मीडिया के लिए लाई जा रही नई नीति की सराहना की।
बता दें कि आज राजधानी देहरादून में स्वतंत्र पत्रकारों की एक बैठक आयोजित की गई थी जिसमें डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कार्यरत पत्रकारों ने हिस्सा लिया।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सरकार की नई डिजिटल मीडिया नीति पर चर्चा करना और अपनी अपनी आपत्तियों को दर्ज कराना था। इस नीति के तहत डिजिटल पत्रकारों को सरकारी योजनाओं के लाभ और मान्यता प्रदान करने की बात कही गई है।
सभी पत्रकार इस डिजिटल मीडिया नीति पर सहमत नजर आए इस दौरान पत्रकारों द्वारा कहा गया कि “हम सरकार की इस पहल का स्वागत करते हैं। डिजिटल मीडिया आज पत्रकारिता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इस नीति से हमें न केवल मान्यता मिलेगी, बल्कि पत्रकार कल्याण योजनाओं का लाभ भी प्राप्त होगा।
परंतु कंटेंट क्रिएटर और पत्रकारों में अंतर रखे जाने पर आम सहमति बनी और पत्रकारों का पंजीकरण जिला सूचना विभाग के माध्यम से LIU जांच के बाद किए जाने का प्रस्ताव सामने आया साथ ही सरकार द्वारा डिजिटल मीडिया में फॉलोअर्स और सब्सक्राइबर्स की संख्या 1 लाख या उससे अधिक की रखी गई है उस पर भी संशोधन किए जाने की मांग रखी गई, इसके लिए तर्क दिया गया कि उत्तराखंड एक छोटा राज्य है यहां की जनसंख्या भी कम है ऐसे में फॉलोअर्स और सब्सक्राइबर्स लाख 2 लाख 3 लाख मांगना न्यायोचित नहीं है।
बैठक में मौजूद पत्रकारों ने इस बात पर जोर दिया कि यह नीति डिजिटल पत्रकारिता को और अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने में मदद करेगी। साथ ही, यह नीति स्वतंत्र पत्रकारों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी, जिससे वे निष्पक्ष और साहसी पत्रकारिता कर सकेंगे।
इस बैठक में डिजिटल मीडिया पत्रकारों की एक यूनियन बनाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया जिस पर जल्द से जल्द अमल किए जाने की बात कही गई।।
वहीं सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि डिजिटल मीडिया में कार्यरत पत्रकारों को प्रिंट और टेलीविजन पत्रकारों की तरह ही सरकारी प्रावधानों का लाभ मिलेगा। इसके लिए एक तीन-स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र भी स्थापित किया गया है, जो डिजिटल मीडिया की आचार संहिता के उल्लंघन से निपटेगा।
हालांकि, कुछ पत्रकारों ने इस नीति पर सवाल भी उठाए हैं, उनका मानना है कि इसे लागू करने में पारदर्शिता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों का पालन करना होगा। फिर भी, स्वतंत्र पत्रकारों का मानना है कि यह नीति डिजिटल पत्रकारिता के लिए एक नया द्वार खोलेगी।
इस बैठक में पत्रकार दीपक कैंतुरा, मोहन कैंतुरा, पहाड़ी शहजाद अली, दीप मैठाणी, मनु पंवार, मनवर रावत, अफ़रोज़ खां, हरीश पंवार अजय नौटियाल, शिववर्धन सिंह सहित कई पत्रकार शामिल हुए