गलती सिर्फ इतनी थी की पिछले 6 महीनों ने नकारा पुलिस को जो काम करना चाहिए था वो ये पत्रकार कर रहा था।

आज सच्चाई दिखाने वाला पत्रकार योगेश डिमरी हॉस्पिटल में बड़े सीरियस हालत में पड़ा है। इसके सर पर 15 टांके है, माफियाओं ने जबड़ा तोड़ दिया, पैर भी फैक्चर कर दिया। बमुश्किल जान बची।
गलती सिर्फ इतनी थी की पिछले 6 महीनों ने नकारा पुलिस को जो काम करना चाहिए था वो ये पत्रकार कर रहा था। ऋषिकेश में स्तिथि शराब माफियाओं,उनके सरगनाओं ने जो नशे का जाल ऋषिकेश जैसी देव भूमि में बना रखा था
उसे उजागर करने का काम कर रहा था। ताकि आने वाली नसले इस नशे का शिकार न हो। जिसमें पुलिस की संलिप्तता भी प्रतीत होती है। अगर पुलिस सही से काम करती तो योगेश जैसे पत्रकारों को जरूरत ही क्यों होती।
बस इसी का शिकार हो गए योगेश डिमरी। आज वो एम्स अस्पताल में बड़ी सीरियस कंडीशन में है। पर सवाल यह है की क्या समाज उनके साथ है। आज भी ये समाज चुप रहा तो शायद कोई ऐसा निष्पक्ष पत्रकार पत्रकारिता करने की हिम्मत कर पाएगा।